Bajrang Baan: बजरंग बाण को हिंदू धर्म में बहुत माना जाता है। हनुमान जी व्यापक रूप से पूजनीय हैं जो भक्तों के जीवन से जुड़े किसी भी दुख या भय से छुटकारा दिलाते हैं; लोग अक्सर किसी भी चिंता को दूर करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, जबकि बजरंग बाण का पाठ भी महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है; यहां हम इसके सभी पहलुओं को प्रस्तुत करते हैं।Bajrang Baan ka paath करने से विभिन्न बीमारियों और कठिनाइयों से छुटकारा पाया जा सकता है। हम Bajrang Baan उपयोगों को और अधिक गहराई से समझाकर आपको दिखाएंगे कि यह आपके जीवन को कैसे लाभ पहुंचा सकता है।
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Bajrang Baan Lyrics
Bajrang baan lyrics in Hindi
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान ॥
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥
चौपाई
जय हनुमंत संत हितकारी ॥ सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥1॥
जन के काज विलम्ब न कीजै ॥ आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥2॥
जैसे कूदि सुन्धु वहि पारा ॥ सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥3॥
आगे जाई लंकिनी रोका ॥ मारेहु लात गई सुर लोका ॥4॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा ॥ सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥5॥
बाग उजारी सिंधु महं बोरा ॥ अति आतुर जमकातर तोरा ॥6॥
अक्षय कुमार मारि संहारा ॥ लूम लपेट लंक को जारा ॥7॥
लाह समान लंक जरि गई ॥ जय जय धुनि सुरपुर में भई ॥8॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी ॥ कृपा करहु उन अन्तर्यामी ॥9॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ॥ आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥10॥
जै गिरिधर जै जै सुखसागर ॥ सुर समूह समरथ भटनागर ॥11॥
जय हनु हनु हनुमंत हठीले ॥ बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥12॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो ॥ महाराज प्रभु दास उबारो ॥13॥
ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो ॥ बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥14॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा ॥ ॐ हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥15॥
सत्य होहु हरि शपथ पाय के ॥ रामदूत धरु मारु जाय के ॥16॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा ॥ दुःख पावत जन केहि अपराधा ॥17॥
पूजा जप तप नेम अचारा ॥ नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ॥18॥
वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं ॥ तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥19॥
पांय परों कर जोरि मनावौं ॥ यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥20॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता ॥ शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥21॥
बदन कराल काल कुल घालक ॥ राम सहाय सदा प्रति पालक ॥22॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर ॥ अग्नि बेताल काल मारी मर ॥23॥
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की ॥ राखु नाथ मरजाद नाम की ॥24॥
जनकसुता हरि दास कहावौ ॥ ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥25॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा ॥ सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥26॥
चरण शरण कर जोरि मनावौ ॥ यहि अवसर अब केहि गौहरावौं ॥27॥
उठु उठु उठु चलु राम दुहाई ॥ पांय परों कर ज़ोरि मनाई ॥28॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ॥ ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥29॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल ॥ ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ॥30॥
अपने जन को तुरत उबारो ॥ सुमिरत होय आनन्द हमारो ॥31॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै ॥ ताहि कहो फिर कौन उबारै ॥32॥
पाठ करै बजरंग बाण की ॥ हनुमत रक्षा करैं प्राण की ॥33॥
यह बजरंग बाण जो जापै ॥ ताते भूत प्रेत सब कांपै ॥34॥
धूप देय अरु जपै हमेशा ॥ ताके तन नहिं रहै कलेशा ॥35॥
दोहा
प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान ॥
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान ॥
बजरंग बाण का पाठ कैसे करे Bajrang Baan paath
बजरंग बाण का पाठ हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका माना जाता है। भगवान श्री राम के परम् भगत बजरंग बली हे, इसलिए बजरंग बाण की पंक्तियों के माध्यम से जब भी आप भगवान राम की शपथ लेते हे तो बजरंग बलि हमेसा आपका साथ देंगे । नीचे बजरंग बाण पर लिखी श्री राम की शपथ है:
भूत प्रेत पिशाच निसाचर।अगिन बेताल काल मारी मर
इन्हें मारु,तोहिं सपथ राम की।राखु नाथ मर्याद नाम की।
जनक सुता हरि दास कहावौ।ताकी सपथ विलम्ब न लावौ।
उठु उठु चलु तोहिं राम दोहाई।पाँय परौं कर जोरि मनाई।।
बजरंग बाण का पाठ करने के लिए सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें और फिर भगवान राम और सीता जी का ध्यान करें और बजरंग बाण का पाठ करने का संकल्प लेते हुए हनुमान जी से अपनी इच्छा पूरी करने के लिए कहें। अंत में, भगवान राम का कीर्तन करें और हनुमान चालीसा का पाठ करे । बजरंग बाण का पाठ करते समय कृपया इन नियमों का पालन करें:
- सुबह होने से पहले स्नान करके हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें। हनुमान जी की पूजा धूप, दीप, फूल चढ़ाकर करे।
- रुद्राक्ष की माला के साथ कई बार बजरंग बाण का पाठ करते समय अपनी गिनती याद रखें।
- इस पवित्र मंत्र का उच्चारण करते समय सभी शब्दों का सही उच्चारण किया जाना चाइये।
- बजरंग बाण पढ़ते समय प्रसाद के रूप में चूरमा, लड्डू को भी चढ़ाया जा सकता है!
FAQ – Bajrang Baan
हनुमान जी अभी कहां है?
हिंदू पौराणिक कथाओं में हनुमान को भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा का अवतार माना गया है, जिससे उन्हें अमरता प्राप्त हुई। पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान कलियुग में गंधमादन पर्वत पर रहकर समय और मृत्यु की सीमाओं से परे रहेंगे।
बजरंग बाण पढ़ने से क्या फायदा होता है?
बजरंग बाण को व्यापक रूप से प्रभावशाली माना जाता है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करने की सलाह दी जाती है। बजरंग बाण को विधिपूर्वक दोहराने से भय, रोग और ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।
बजरंग बाण किसने और क्यों लिखा था?
श्री गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित श्री हनुमान बजरंग बाण भगवान हनुमान को समर्पित सबसे प्रसिद्ध और प्रभावी भक्ति प्रार्थना है।
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