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जो कोई भी नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विधिवत पूजा करता है, उसे जीवन भर मां की कृपा प्राप्त होती है और उसके दुख दूर हो जाते हैं। नवरात्रि के प्रत्येक दिन देवी मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा को समर्पित पूजा करते समय यह बहुत महत्वपूर्ण है कि शुरुआत से पहले दुर्गा मां की आरती की जाए।
Durga mata aarti करते समय अपनी पूजा की थाली में कपूर या गाय के घी का दीपक जलाएं और मां की आरती करते समय उसे शंख और गंटी जरूर बजाएं। माता की आरती करते समय गायन अवश्य करें; यह आपके घर के भीतर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करती हैं।
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Durga aarti lyrics
दुर्गा आरती – Durga Mata Aarti Lyrics
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्त पुष्प गलमाला, लाल कुसुम गलमाला, कण्ठन पर साजै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।
सुर नर मुनिजन सेवत, सुर नर मुनिजन ध्यावत, तिनके दुखहारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।
मधुकैटभ दोउ मारे, मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।
भक्तन की दुख हरता, संतन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, मनइच्छा फल पावत, सेवत नर नारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, धोळा गिरी पर राजत, कोटि रतन ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावै, मैया प्रेम सहित गावें ।
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत , मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
Durga mata aarti – durga aarti
शांत मन से Durga aarti करते समय माँ दुर्गा को याद करें, दुर्गा आरती पढ़ते हुए उनके चरणों में भक्ति भाव से प्रार्थना करें; ऐसा करने से आपको जल्द ही शांति और संतुष्टि महसूस होगी। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि दुर्गा सप्तशी के दिन durga aarti paath करना और अष्टमी के दिन दुर्गा अष्टमी व्रत कथा सुनना अत्यंत शुभ होता है।
नवरात्रि पर्व की नवमी के दिन महानवमी व्रत कथा सुनने के बाद विधि-विधान से मां दुर्गा के लिए हवन करे और कन्याओं को खाना खिलाकर और पूजन करके अपना व्रत खोलें।नियमित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ करने से देवी मां अत्यंत प्रसन्न होंगी। भक्तों को नियमित रूप से 9 दिनों तक दुर्गा भजन सुनने के साथ-साथ Durga chalisa का पाठ करने के बाद उनके 108 नामों का पाठ करके देवी दुर्गा की पूजा और प्रार्थना करनी चाहिए।
नवरात्रि के शुभ अवसर पर जो लोग सच्चे मन और श्रद्धा से Durga mata की पूजा करते हैं, उन्हें मां की कृपा प्राप्त होती है। नवरात्रि पर्व के दौरान मां दुर्गा की आरती करने से देवी मां प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों के सभी दुख हर लेती हैं। उस दिन देवी माँ के अनेक रूपों की पूजा की जाती है; पूजा के दौरान देवी दुर्गा की विशेष रूप से पूजा की जाती है.
Durga aarti kese kare
सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें। अम्बे मां की पूजा के लिए अपनी पूजा की थाली में दीपक, घी, कपूर, धूप रखे और माता को फूलो की माला पहनाये। अब कपूर और धूप जलाएं और आरती गीत गाते हुए उसे थाली के चारों ओर घुमाएं। जब आरती पूरी हो जाए तो थाली उनके चरणों में रख दें।
Durga mata aarti ke fayde
माँ दुर्गा की आरती का नियमित अभ्यास करने से हमारा मन शांत रहता है, मस्तिष्क को शांति मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।
धन में वृद्धि: मां दुर्गा की आरती से हमारे घर में लक्ष्मी का प्रवेश होने से आय के स्रोत बढ़ते हैं।
स्वास्थ्य में सुधार: मां दुर्गा को स्वास्थ्य की देवी माना जाता है और मां दुर्गा की नियमित आरती करने से आपका सरीर स्वरस्थ रहता है।
नकारात्मकता में कमी: आपके घर में माँ दुर्गा की नियमित आरती नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करती है।
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