Durge durgat bhari aarti: Durge durgat bhari aarti एक मराठी भक्ति गीत है जो देवी दुर्गा की आराधना के लिए गाया जाता हे। नवरात्रि के दौरान भगत इस आरती को गाते हे। देवी दुर्गा और इस संसार की माता के रूप में माना जाता हे जो हमारे सारे दुखो को दूर करती हे।
Durge durgat bhari aarti
दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी ।
अनाथ नाथे अंबे करुणा विस्तारी ॥
वारी वारी जन्ममरणाते वारी ।
हारी पडलो आता संकट नीवारी ॥ १ ॥
जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी ।
सुरवरईश्वरवरदे तारक संजिवनी ॥ ध्रु० ॥
त्रिभुवनी भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही ।
चारी श्रमले परंतु न बोलवे काही ॥
साही विवाद करिता पडिले प्रवाही ।
ते तूम भक्तांलागी पावसि लवलाही ॥ जय० ॥ २ ॥
प्रसन्नवदने प्रसन्न होसी निजदासा ।
क्लेशापासुनि सोडी तोडी भवपाशा ॥
अंबे तुजवाचून कोण पुरविल आशा ।
नरहरि तल्लीन झाला पदपंकजलेशा ॥ जय० ॥ ३ ॥
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दोस्तों आज हम आपके लिए Durge Durgat Bhari Aarti lyrics और Durge Durgat Bhari Aarti pdf लेकर आये हे । आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक नवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। माता दुर्गा की पूजा, व्रत, आराधना, वंदन, जप, होम-हवन पूरे देश में अपनी-अपनी पद्धति, रीति-रिवाज और परंपरा के अनुसार किया जाता है। माता दुर्गा का आश्रीवाद प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से पूरी श्रद्धा के साथ देवी दुर्गा की आरती करनी चाहिए। माँ दुर्गा आपको जीवन की हर मुसीबतो को दूर करेंगी और आपके सभी कार्यो में सफलता दिलाएंगी।
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