जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF Download

Jai Ambe Gauri Aarti PDF: Hello friends, welcome to our blog today in this article we going to provide you Jai Ambe Gauri Aarti pdf, maa durga aarti pdf, Jai ambe Gauri aarti lyrics, Maa Durga images. Also, we will discuss how to do Maa durga aarti and the benefits of doing Maa durga aarti.

प्रतिदिन अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती का जाप करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता हे । अम्बे माता माँ दुर्गा के साथ-साथ देवी पार्वती का दूसरा नाम भी दर्शाती हैं; इस आरती का जाप करने से आपके जीवन में खुशिया बनी रहेंगी ।

अम्बे माता या माँ दुर्गा, एक परम शक्ति हैं। ऐसा माना जाता है कि इस आरती को गाने से मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं। जय अंबे गौरी आरती अक्सर देवी माता को समर्पित त्योहारों के दौरान गायी जाती है; आप इसे घर पर भी नियमित रूप से गाते हैं।

Jai Ambe Gauri Aarti pdf download in Hindi

जय अम्बे गौरी आरती – Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी….. जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
जय अम्बे गौरी,…।

मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
जय अम्बे गौरी,…।

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।
जय अम्बे गौरी,…।

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।
जय अम्बे गौरी,…।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।

शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
जय अम्बे गौरी,…।

चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे। मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
जय अम्बे गौरी,…।

ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
जय अम्बे गौरी,…।

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
जय अम्बे गौरी,…।

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
जय अम्बे गौरी,…।

भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
जय अम्बे गौरी,…।

श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।

अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै। कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।
जय अम्बे गौरी,…।

देवी दुर्गा की कृपा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। नवरात्रि के दौरान पूजा के बाद जय अंबे गौरी आरती का जाप अवश्य करना चाहिए, जिससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हे।  मां दुर्गा या पार्वती का सम्मान करने के लिए हर पूजा में आरती करना भी जरूरी है। इस आरती को गाने से वह शीघ्र प्रसन्न होती है.

Jai ambe gauri aarti pdf, durga aarti pdf, Maa durga aarti pdf, aarti pdf,

Read also:

Leave a Comment