Anant Bhagwan ki aarti: इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर को मनाई जाएगी और कई लोग इस तिथि पर गणेश विसर्जन करेंगे। अनंत चतुर्दशी हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखती है; इस पर वे अनंत रूप में भगवान श्री हरि विष्णु की आरती (Vishnu ji Ki aarti) करके उनकी पूजा करते हैं। Here you will get Anant chaturdashi aarti in hindi lyrics.
Anant Bhagwan ki aarti – Anant chaturdashi
Anant Chaturdashi aarti in Hindi
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे।
दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे।
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
अनंत भगवान की पूजा कैसे की जाती है?
Anant chaturdashi aarti: आरती शुरू करने से पहले शंखों को मुंह ऊपर की ओर करके तीन बार बजाए और शुरुआत में धीमी आवाज से बजाया जाता है, फिर धीरे-धीरे आवाज बढ़ाई जाती है। एक बार आरती शुरू होने पर, आरती गाने के साथ-साथ घंटियाँ सहित विभिन्न वाद्ययंत्र बजाए और शब्दों का सही उच्चारण करना आवश्यक है. तालियाँ, घंटियाँ बजाएँ और पूरे समय आरती गाते रहे। सदैव शुद्ध कपास से बनी घी की बाती का प्रयोग करना चाहिए।
अनंत भगवान कौन है?
Anant Bhagwan ki aarti: अनंत, जिसकी न शुरुआत हे और न ही अंत भगवान विष्णु का प्रतीक है और इसी दिन गणपति विसर्जन के साथ गणेशोत्सव को समाप्त करके और पितृ पक्ष की शुरुआत होती हे .
अनंत चतुर्दशी की आरती | anant chaturdashi aarti
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